विदेश नीति के माध्यम से प्रत्येक देश अपने राष्ट्रीय हितों की सुरक्षा तथा अभिवृद्धि सुनिश्चित करता है। भारत भी अपनी विदेश नीति को अपने राष्ट्रीय हितों की सुरक्षा के संदर्भ में निर्धारित और लागू करता है। भारत ने प्रारंभ से ही स्वयं को गुटों की राजनीति से पृथक रखा। यह नीति समय की कसौटी पर खरी उतरी। राष्ट्रों की पारस्परिक निर्भरता के युग में भारत सभी देशों के साथ शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व पर आधारित मैत्री को प्रोत्साहित करने वाली विदेश नीति पर चलता आया है। विभिन्न अन्तर्राष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय संगठनों में भी भारत महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता रहा है।
सरल भाषा में लिखित इस पुस्तक में पड़ोसी देशों के साथ भारत के संबंधों पर बल देते हुए, दो महाशक्तियों के साथ संबंधों का सटीक विवेचन किया गया है। इस रचना में भारत की सुरक्षा एवं परमाणु नीतियों तथा संयुक्त राष्ट्र एवं सार्क में भारत की भूमिका का विश्लेषण भी किया गया है। भारत-चीन संबंधों में हो रहे सुधार, तथा विवादास्पद भारत-अमरीकी परमाणु समझौते की समीक्षा भी की गई है।
स्नातक, स्नातकोत्तर एवं संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षाओं के लिए एक प्रामाणिक पुस्तक।
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