अनुसंधान क्रिया पद्धति का ज्ञान अनुसंधान संचालन में सक्रिय भागीदारों के लिए तथा उनके लिए जो स्वयं को विद्यमान ज्ञान में आधुनिकतम प्रगति से अवगत रखना चाहते हैं, नितांत आवश्यक है।
शिक्षा के क्षेत्र के लिए उपयुक्त विधियों व तकनीकों के नवीनतम लेखों को प्रस्तुत करती हुई यह पुस्तक शिक्षा संबंधी उन समस्याओं का सार्थक सम्यक बोध प्रदान करती है जिनके समाधान की आवश्यकता है। इसमें उन चरणों की भी चर्चा की गई है जो अनुसंधायक द्वारा अनुसंधान अध्ययन के संचालन; मात्रत्मक व गुणात्मक आंकड़ों की विश्लेषण तकनीकों; वर्णनात्मक व अनुमानिक सांख्यिकी के प्रयोग; अनुसंधान के परिणामों के प्रतिवेदन और ऐतिहासिक विधि, वर्णनात्मक विधि व प्रायोगिक विधि में लिए जाने के लिए अपेक्षित होते हैं। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (1986) तथा उसके द्वारा क्रियान्वित कार्यक्रम (1992) व शिक्षा अनुसंधान में सर्वेक्षण के प्रसंग में भारत में शिक्षा अनुसंधान के प्राथमिकता क्षेत्र भी प्रस्तुत किए गए हैं।
प्रधान रूप से शिक्षा, मनोविज्ञान व सामाजिकी में स्नातकोत्तर डिग्री तथा इन विषयों के एम. एड. व एम. फिल. के विद्यार्थियों के लिए अभिकल्पित व लिखित यह पुस्तक पी. एच. डी. के छात्रें, सामाजिक विज्ञान, शरीर विज्ञान व प्रबंधन विज्ञान और मानवता भाषाओं के अन्य अनुसंधायकों के लिए अति उपयोगी सिद्ध होगी।
शिक्षा के क्षेत्र के लिए उपयुक्त विधियों व तकनीकों के नवीनतम लेखों को प्रस्तुत करती हुई यह पुस्तक शिक्षा संबंधी उन समस्याओं का सार्थक सम्यक बोध प्रदान करती है जिनके समाधान की आवश्यकता है। इसमें उन चरणों की भी चर्चा की गई है जो अनुसंधायक द्वारा अनुसंधान अध्ययन के संचालन; मात्रत्मक व गुणात्मक आंकड़ों की विश्लेषण तकनीकों; वर्णनात्मक व अनुमानिक सांख्यिकी के प्रयोग; अनुसंधान के परिणामों के प्रतिवेदन और ऐतिहासिक विधि, वर्णनात्मक विधि व प्रायोगिक विधि में लिए जाने के लिए अपेक्षित होते हैं। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (1986) तथा उसके द्वारा क्रियान्वित कार्यक्रम (1992) व शिक्षा अनुसंधान में सर्वेक्षण के प्रसंग में भारत में शिक्षा अनुसंधान के प्राथमिकता क्षेत्र भी प्रस्तुत किए गए हैं।
प्रधान रूप से शिक्षा, मनोविज्ञान व सामाजिकी में स्नातकोत्तर डिग्री तथा इन विषयों के एम. एड. व एम. फिल. के विद्यार्थियों के लिए अभिकल्पित व लिखित यह पुस्तक पी. एच. डी. के छात्रें, सामाजिक विज्ञान, शरीर विज्ञान व प्रबंधन विज्ञान और मानवता भाषाओं के अन्य अनुसंधायकों के लिए अति उपयोगी सिद्ध होगी।